दाई से पेट क्या छिपाना बस पुराना इतिहास मत दोहराना। दाई से पेट क्या छिपाना बस पुराना इतिहास मत दोहराना।
हमारी उंगलियों से ज्यादा, मुठ्ठियों में ताकत होती हैं। हमारी उंगलियों से ज्यादा, मुठ्ठियों में ताकत होती हैं।
सुखद है कि भविष्य में हमारे लिए भी आने वाली पीढ़ी निभाती है यह परंपरा। सुखद है कि भविष्य में हमारे लिए भी आने वाली पीढ़ी निभाती है यह परंपरा।
जब लकीरें तुम्हारी उसके बीच की धूमिल हुई। जब लकीरें तुम्हारी उसके बीच की धूमिल हुई।
मेरा अपना होता तो जान जाता नादानियां मेरी, अफ़सोस मेरी समझदारी पर मुस्कुराती है। मेरा अपना होता तो जान जाता नादानियां मेरी, अफ़सोस मेरी समझदारी पर मुस्कुराती ...
इबादत में तुम हो इनायत में तुम शबाब में तुम हो शिकायत में तुम इबादत में तुम हो इनायत में तुम शबाब में तुम हो शिकायत में तुम